
इज़रायल-ईरान तनाव के बीच भारत के पास ऊर्जा की पर्याप्त आपूर्ति: केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी
प्रकाशन तिथि: 13 जून 2025
लेखक: द रैशनल हेराल्ड न्यूज़रूम
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच भारत सतर्क, ऊर्जा आपूर्ति सुरक्षित
इज़रायल और ईरान के बीच तनाव के कारण वैश्विक तेल कीमतों में तेज़ उछाल आया है, लेकिन इस बीच भारत के लिए एक संतुलनकारी आश्वासन सामने आया है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के पास आगामी महीनों के लिए पर्याप्त ऊर्जा आपूर्ति मौजूद है।
उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि उन्होंने भारतीय तेल उद्योग के नेताओं के साथ ऊर्जा उपलब्धता पर एक नियमित समीक्षा बैठक की है।
भारत की ऊर्जा रणनीति: त्रैतिक संकट का समाधान
पुरी ने कहा:
“भारत की ऊर्जा रणनीति ऊर्जा की उपलब्धता, किफायती मूल्य और सततता के त्रैतिक संकट को सफलतापूर्वक संभालने पर केंद्रित है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में आने वाले महीनों में ऊर्जा की कोई कमी नहीं होगी।
वैश्विक तेल कीमतों में उछाल
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इज़रायल द्वारा ईरान पर हमले के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 10% से अधिक की तेजी आई।
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कीमतें थोड़ी स्थिर हुईं, लेकिन ब्रेंट क्रूड $75 प्रति बैरल के पास बना हुआ है, जो गुरुवार के मुकाबले 5% अधिक है।
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हालांकि, यह कीमतें अभी भी पिछले वर्ष की तुलना में 10% कम हैं और 2022 की $100+ दरों से नीचे हैं।
🇮🇳 भारत की ऊर्जा निर्भरता
ऊर्जा स्रोत | भारत में कुल आवश्यकता का प्रतिशत | मुख्य आपूर्तिकर्ता |
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क्रूड ऑयल | 85% आयात आधारित | रूस, सऊदी अरब, इराक |
प्राकृतिक गैस | 50% आयात आधारित | कतर |
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रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता है।
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कतर प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जिसका उपयोग उर्वरक उत्पादन, बिजली, CNG और घरेलू रसोई गैस में होता है।
उपभोक्ता पर प्रभाव?
हालांकि कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें बढ़ रही हैं, भारत की रणनीतिक आपूर्ति, विविध स्रोत और दीर्घकालिक अनुबंधों के कारण तत्काल पेट्रोल/डीज़ल की कीमतों में भारी वृद्धि की संभावना कम है।
पश्चिम एशिया में जारी तनाव के बीच जहां वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, वहीं भारत की ओर से स्पष्ट संकेत मिला है कि देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत है। आने वाले महीनों में भारत की ऊर्जा जरूरतें सुरक्षित बनी रहेंगी — यह आम जनता और उद्योगों के लिए राहत की खबर है।