
📅 प्रकाशन तिथि: 1 जुलाई 2025 | 🕐 समय: 9:00 AM
✍ लेखक: The Rational Herald
इज़राइल गाज़ा बमबारी में कैफे, स्कूल और राहत केंद्रों पर हुए हमलों में 95 फिलिस्तीनियों की मौत हुई। जानिए पूरी रिपोर्ट, राजनयिक प्रयास और मानवीय संकट की सच्चाई।
इज़राइल गाज़ा बमबारी: नागरिक ठिकानों पर हमलों की भयावह श्रृंखला
गाज़ा शहर में इज़राइली सेना द्वारा किए गए हमलों में सोमवार को कम से कम 95 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए, जिनमें महिलाएं, बच्चे और एक पत्रकार भी शामिल हैं। सबसे घातक हमला उत्तरी गाज़ा में समुद्री किनारे स्थित अल-बाका कैफे पर हुआ, जिसमें अकेले 39 लोग मारे गए।
“यह स्थान किसी भी राजनीतिक या सैन्य संगठन से संबंधित नहीं था। यह सिर्फ एक जन्मदिन पार्टी थी,” — चश्मदीद यह्या शरीफ
इस हमले में पत्रकार इस्माइल अबू हातब की भी मौत हुई।
स्कूल और अस्पताल भी बने निशाना
इज़राइली वायुसेना ने गाज़ा शहर में याफ़ा स्कूल पर भी हमला किया, जहाँ सैकड़ों विस्थापित शरण लिए हुए थे। साथ ही, अल-अक्सा अस्पताल के प्रांगण पर भी बमबारी की गई जहाँ हजारों परिवारों ने शरण ली थी।
“चेतावनी के बिना यह विस्फोट हुआ। अस्पतालों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है,” — अल जज़ीरा संवाददाता तारिक अबू अजज़ूम
गाज़ा के गवर्नमेंट मीडिया ऑफिस ने इसे स्वास्थ्य व्यवस्था पर “सुनियोजित हमला” बताया है।
राहत केंद्रों पर हमला: भूख से लड़ते लोगों पर गोलियां
खान यूनिस में खाद्य वितरण केंद्र पर हुए इज़राइली हमले में 15 लोग मारे गए और 50 घायल हुए। Gaza Humanitarian Foundation (GHF) द्वारा संचालित इन केंद्रों पर मई से अब तक 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
इज़राइली अखबार Haaretz की रिपोर्ट के अनुसार, सैनिकों को निर्देश दिए गए थे कि वे भीड़ पर सीधे गोली चलाएं, भले ही वे किसी प्रकार का खतरा न पैदा कर रहे हों।
ज़मीनी हमले और जबरन पलायन की नई लहर
इज़राइली टैंकों ने गाज़ा सिटी के ज़ैतून इलाके में प्रवेश किया और वहां कई स्कूलों को निशाना बनाया। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाज़ा का 80% हिस्सा अब या तो सैन्यीकृत ज़ोन है या जबरन पलायन के आदेशों के तहत है।
“हर तरफ़ विस्फोट हो रहे हैं, यह भूकंप जैसा लगता है,” — गाज़ा निवासी सलाह, 60 वर्षीय पिता
इस हिंसा ने ना केवल जीवन को संकट में डाला है बल्कि हजारों लोगों को फिर से विस्थापित कर दिया है। जिन क्षेत्रों में पहले राहत केंद्र या स्कूल थे, वे अब खंडहर बन चुके हैं।
गाज़ा की मौजूदा स्थिति न केवल युद्ध के कारण गंभीर बनी हुई है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं और खाद्य आपूर्ति के अभाव ने इसे मानवीय आपदा में बदल दिया है। अनेक लोग जल, दवाओं और बुनियादी ज़रूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इस हिंसा ने ना केवल जीवन को संकट में डाला है बल्कि हजारों लोगों को फिर से विस्थापित कर दिया है। जिन क्षेत्रों में पहले राहत केंद्र या स्कूल थे, वे अब खंडहर बन चुके हैं।
गाज़ा की मौजूदा स्थिति न केवल युद्ध के कारण गंभीर बनी हुई है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं और खाद्य आपूर्ति के अभाव ने इसे मानवीय आपदा में बदल दिया है। अनेक लोग जल, दवाओं और बुनियादी ज़रूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
संघर्षविराम प्रयास और राजनयिक हलचलें
इज़राइली अधिकारी अमेरिका में संघर्षविराम वार्ता के लिए पहुँचे हैं। कतरी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि अमेरिका इस बार गंभीरता से मध्यस्थता कर रहा है, लेकिन मानवीय और सैन्य स्थितियों को जोड़ना समस्या बना हुआ है।
वहीं हमास के वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने कहा कि उन्हें चार सप्ताह से इज़राइल से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
यह सिर्फ सैन्य संघर्ष नहीं, एक मानवता संकट है
इज़राइल गाज़ा बमबारी अब केवल युद्ध नहीं रही। यह अब नागरिकों के जीवन, स्वास्थ्य व्यवस्था और भोजन की आपूर्ति पर हमला बन चुकी है।
इस संकट को रोकने के लिए वैश्विक समुदाय को आगे आना होगा, वरना यह हिंसा आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को निगल सकती है।
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