
📅 प्रकाशन तिथि: 3 जुलाई 2025 | 🕐 समय: 9:00 AM
✍ लेखक: The Rational Herald
COVID-19 वैक्सीन और अचानक मृत्यु के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है, ICMR और NCDC के अध्ययन से पुष्टि। पढ़ें स्वास्थ्य मंत्रालय का पूरा बयान।
COVID-19 वैक्सीन और अचानक मृत्यु के बीच कोई संबंध नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
COVID-19 वैक्सीन और अचानक मृत्यु को लेकर चल रही अफवाहों पर विराम लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोरोना वैक्सीनेशन और अचानक हुई मौतों के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है। यह निष्कर्ष भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा की गई विस्तृत जांच और अध्ययन के बाद सामने आया है।
“COVID-19 वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसके गंभीर दुष्प्रभाव बेहद दुर्लभ हैं।” — स्वास्थ्य मंत्रालय
वैज्ञानिक अध्ययन: COVID वैक्सीन से नहीं बढ़ता मृत्यु का जोखिम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ICMR और NCDC द्वारा किए गए अध्ययनों में यह पाया गया कि मौतों के कारणों के पैटर्न में कोई असामान्य बदलाव नहीं देखा गया है।
- ICMR की रेट्रोस्पेक्टिव स्टडी (मई–अगस्त 2023): भारत के 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 47 अस्पतालों में की गई यह अध्ययन 18 से 45 वर्ष की उम्र के स्वस्थ व्यक्तियों की अचानक मौत के कारणों को समझने के लिए किया गया। निष्कर्ष: COVID-19 वैक्सीन से मौत का जोखिम नहीं बढ़ता।
- AIIMS द्वारा किया जा रहा प्रॉस्पेक्टिव अध्ययन: अभी जारी इस अध्ययन में अब तक यह सामने आया है कि हृदयाघात (Heart Attack) अभी भी अचानक मौत का मुख्य कारण है।
आनुवंशिक और जीवनशैली संबंधी कारण प्रमुख
अध्ययनों के अनुसार, अधिकांश अप्रत्याशित मौतों के पीछे आनुवंशिक बदलाव, जीवनशैली की खामियाँ, पूर्व-विद्यमान बीमारियाँ और COVID के बाद की जटिलताएँ अहम भूमिका निभाती हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अटकलों पर आधारित रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहें लोगों के वैक्सीन के प्रति विश्वास को कम कर सकती हैं, जो कि जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय: झूठे दावों से बचें
वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि COVID-19 वैक्सीन और अचानक मृत्यु के बीच कोई वैज्ञानिक रूप से सिद्ध संबंध नहीं है।
“कोई भी दावा जो वैक्सीन को अचानक मौत से जोड़ता है, वो न केवल झूठा है, बल्कि यह वैक्सीन हिचक का कारण बन सकता है।” — स्वास्थ्य विशेषज्ञ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएस CDC जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी COVID वैक्सीन्स को सुरक्षित और प्रभावी माना है। भारत में कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसी वैक्सीन्स ने महामारी के सबसे कठिन समय में लाखों लोगों की जान बचाई।
सरकार की अपील: तथ्यों पर भरोसा करें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि वे विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त तथ्यों पर ही भरोसा करें और अफवाहों से बचें। सरकार ने यह भी कहा है कि अगर कोई असामान्य लक्षण या स्वास्थ्य समस्या दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लें।
सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर, स्वास्थ्य ऐप्स और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से भी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि लोग जागरूक और सुरक्षित रह सकें।
वैक्सीन है सुरक्षित, अफवाहों से रहें सतर्क
COVID-19 महामारी के दौरान भारत में लाखों लोगों की जान बचाने में वैक्सीन की भूमिका निर्विवाद रही है।
- वैक्सीन से कोई प्रत्यक्ष मृत्यु संबंध नहीं।
- आनुवंशिक और जीवनशैली कारण अधिक प्रमुख।
- अफवाहों से वैक्सीन हिचक बढ़ने का खतरा।
- AIIMS और ICMR द्वारा वैज्ञानिक रूप से अध्ययन जारी।
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में भी ऐसे मामलों की गहन जांच जारी रहेगी ताकि वैक्सीन सुरक्षा को लेकर कोई संदेह न रहे। लोगों को चाहिए कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और वैक्सीन से जुड़ी हर जानकारी को केवल आधिकारिक स्रोतों से ही प्राप्त करें।
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