ईरान परमाणु हथियार संकट: टुलसी गैबर्ड का बदला बयान
ईरान परमाणु हथियार संकट: टुलसी गैबर्ड का बदला बयान

ईरान परमाणु हथियार संकट: टुलसी गैबर्ड का बदला बयान और ट्रंप की दो हफ्ते की डेडलाइन से मचा विश्वभर में हलचल

🗓️ प्रकाशन तिथि और समय: 22 जून 2025, सुबह 10:45 बजे
✍️ लेखक: The Rational Herald

ईरान परमाणु हथियार संकट: टुलसी गैबर्ड का बदला बयान और ट्रंप की दो हफ्ते की डेडलाइन से मचा विश्वभर में हलचल.

ईरान परमाणु हथियार संकट: टुलसी गैबर्ड का बदला बयान

मार्च 2025 में अमेरिकी कांग्रेस में दिए गए अपने बयान में टुलसी गैबर्ड ने कहा था कि “ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा”। लेकिन जून में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बिल्कुल उल्टा बयान दिया कि अब ईरान “कुछ ही हफ्तों में” परमाणु हथियार बना सकता है।

“यूएस इंटेलिजेंस के अनुसार ईरान उस स्तर पर पहुँच चुका है जहां वह हफ्तों या महीनों में परमाणु हथियार बना सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप स्पष्ट हैं कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा — और मैं उनसे सहमत हूं।” – टुलसी गैबर्ड

Source: Al Jazeera –

गैबर्ड ने अपने पुराने बयान का वीडियो भी शेयर करते हुए कहा कि “मीडिया ने उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया।”

ईरान परमाणु हथियार संकट: टुलसी गैबर्ड का बदला बयान
ईरान परमाणु हथियार संकट: टुलसी गैबर्ड का बदला बयान

ट्रंप का दो सप्ताह का अल्टीमेटम: डील या एक्शन

डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे घटनाक्रम के बीच ईरान को दो सप्ताह की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण नहीं करता, तो अमेरिका निर्णायक कदम उठाएगा।

“मुझे फर्क नहीं पड़ता कि उसने (गैबर्ड) क्या कहा। हमारे पास सबूत हैं कि ईरान बहुत नज़दीक है हथियार बनाने के।” – डोनाल्ड ट्रंप

यह बयान अमेरिकी रक्षात्मक नीति को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

इज़राइल के हमले: “ईरान को अब नहीं रोका तो बहुत देर हो जाएगी”

13 जून से इज़राइल ने ईरान की परमाणु साइट्स पर हवाई हमले शुरू कर दिए। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया:

“हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम के दिल को निशाना बना रहे हैं।”

अब तक इन हमलों में:

IAEA Report – देखिए पूरी रिपोर्ट

IAEA की रिपोर्ट: यूरेनियम संवर्धन खतरे की घंटी

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने रिपोर्ट दी है कि ईरान का संवर्धित यूरेनियम अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर है — जो कि हथियार निर्माण की ओर इशारा करता है।

हालांकि रिपोर्ट यह भी स्पष्ट करती है कि ईरान ने 2003 के बाद से परमाणु हथियार निर्माण शुरू नहीं किया है, लेकिन मौजूदा गतिविधियाँ चिंताजनक हैं।


ईरान का जवाब: “हम तैयार हैं बातचीत के लिए, लेकिन बमबारी के बीच नहीं”

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने दो टूक कहा:

“जब हमारे नागरिकों पर बम बरस रहे हैं, तब कोई वार्ता संभव नहीं। हमारा कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन हम आत्मरक्षा करेंगे।”

Human Rights Activists News Agency (HRANA)

मानव लागत: अब तक 657 लोगों की मौत

ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय और मानवाधिकार संगठनों के अनुसार:

  • 430 लोगों की सरकारी रूप से पुष्टि हुई मृत्यु

  • HRANA का दावा: कुल 657 मौतें

  • ईरान के ड्रोन हमलों में 25 इज़राइली नागरिकों की मौत, जिनमें एक व्यक्ति दिल का दौरा पड़ने से मरा


अमेरिका में मतभेद: ‘अमेरिका फर्स्ट’ आंदोलन दो फाड़

‘अमेरिका फर्स्ट’ आंदोलन के भीतर भी अब मतभेद गहराने लगे हैं:

  • एक वर्ग चाहता है कि अमेरिका इज़राइल का पूर्ण समर्थन करे

  • दूसरा वर्ग मानता है कि अमेरिका को इस टकराव से दूर रहना चाहिए

यह विभाजन 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के प्रभावों को भी प्रभावित कर सकता है।

टुलसी गैबर्ड का बयान बदलना, ट्रंप की डेडलाइन, इज़राइल के सर्जिकल हमले और ईरान की जवाबी कार्रवाई — सब मिलकर मध्य पूर्व को एक गहरे परमाणु संकट की ओर धकेल रहे हैं। क्षेत्रीय तनाव अब वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाल रहा है।

अब यह केवल सैन्य संकट नहीं, बल्कि कूटनीति, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और वैश्विक सुरक्षा रणनीति की कसौटी बन चुका है। यदि बातचीत नहीं हुई तो यह संघर्ष दुनिया को एक और बड़े युद्ध की ओर भी ले जा सकता है, जो मानवता के लिए एक गंभीर चेतावनी होगी।

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