
गोवा मंदिर भगदड़: श्री लैराई यात्रा में 6 श्रद्धालुओं की मौत, 80 से अधिक घायल
📍 स्थान: श्री लैराई देवी मंदिर, शिरगांव, गोवा
📅 दिनांक: शुक्रवार रात

शुक्रवार रात गोवा के शिरगांव गांव में श्री लैराई देवी मंदिर के अग्निपरीक्षा उत्सव के दौरान मची भगदड़ ने छह लोगों की जान ले ली और लगभग 80 श्रद्धालु घायल हो गए। यह हादसा श्री लैराई यात्रा के दौरान हुआ, जब हजारों श्रद्धालु संकरी गलियों में जमा हो गए थे। यह मंदिर विशेष रूप से अपने फायरवॉकिंग रिचुअल के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें भक्त जलते अंगारों पर नंगे पांव चलकर देवी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
कैसे हुआ हादसा?
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) की रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के पास एक ढलान पर खड़े कुछ श्रद्धालु असंतुलन के कारण गिर गए। इस गिरावट ने पीछे खड़ी भारी भीड़ में अचानक घबराहट फैला दी और एक के बाद एक लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए।
👣 यह हादसा रात लगभग 8:20 बजे हुआ जब अग्निपरीक्षा रिचुअल अपने चरम पर था।
📊 हादसे की समयरेखा:
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7:00 PM – मंदिर में पूजा आरंभ
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8:00 PM – मुख्य रिचुअल शुरू
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8:20 PM – भगदड़ की शुरुआत
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8:45 PM – एंबुलेंस और पुलिस राहत कार्य में लगी
घायलों की स्थिति
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6 श्रद्धालुओं की मौत
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लगभग 80 लोग घायल
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5 की हालत नाजुक, वेंटिलेटर पर
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विशेष आपातकालीन वार्ड में इलाज जारी

स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे बोले:
“लगभग 80 लोग घायल हुए हैं। पांच की हालत गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।”
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और कहा:
“मृतकों और घायलों के परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदना
🇮🇳 प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताते हुए कहा:
“मैं उन परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की मदद कर रहा है।”
श्री लैराई यात्रा और फायरवॉकिंग परंपरा
श्री लैराई देवी गोवा की एक लोकदेवी हैं जिनकी पूजा विशेष रूप से शिरगांव क्षेत्र में होती है। यहां की सबसे प्रमुख धार्मिक घटना श्री लैराई यात्रा है, जहां हज़ारों श्रद्धालु “धुमसाचे होम” (फायरवॉकिंग) करते हैं।
यह परंपरा सदियों पुरानी है और श्रद्धालु इसे अपनी आस्था और तपस्या का प्रतीक मानते हैं। इस आयोजन में भीड़ का नियंत्रण वर्षों से एक चुनौती रहा है, लेकिन इस बार सुरक्षा की कमी साफ़ नज़र आई।
भारत में धार्मिक आयोजनों के दौरान दोहराती त्रासदी
भारत में भीड़ प्रबंधन की विफलता कोई नई बात नहीं है:
घटना | स्थान | मृतक | कारण |
---|---|---|---|
महाकुंभ |
प्रयागराज |
30 |
स्नान में भीड़ |
हाथरस |
यूपी |
116 |
तंबू में दबाव |
दिल्ली |
स्टेशन |
18 |
प्लेटफार्म पर भगदड़ |
जांच और आगे की कार्रवाई
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प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं
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कार्यक्रम आयोजकों से पूछताछ जारी है
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भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए SOP तैयार किया जाएगा
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AI-बेस्ड crowd monitoring और ड्रोन कैमरा जैसे उपायों की चर्चा हो रही है
धार्मिक श्रद्धा भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन सुरक्षा को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक है। गोवा मंदिर भगदड़ जैसी घटनाएं हमें चेतावनी देती हैं कि हमें अब भीड़ प्रबंधन, इमरजेंसी रिस्पॉन्स और आयोजनों की संरचना को गंभीरता से देखना होगा।
यह हादसा केवल एक गांव या एक आयोजन की त्रासदी नहीं, बल्कि देश भर के सभी धार्मिक आयोजनों के लिए एक सतर्क संदेश है।
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